ऊपर का चित्र पुराने मकान का है जिसमें पीछे की ओर (पच्छिम में ) पुस्तकालय वाला भवन था, जिसे आप दाहिनी ओर के चित्र में देख सकते हैं | यह पुस्तकालय भवन १९५४ में मेरी देख-रेख में बना था | नीचे एक चित्र में इसी का ढहा हुआ चित्र देखा जा सकता है | एक चित्र नीचे में नयी बनी चहार दीवारी का है |
आ. शिवपूजन सहाय स्मारक
निर्माण योजना
आ. शिवपूजन सहाय न्यास ने
आ. शिवजी की स्मृति में उनके गाँव उनवांस (बक्सर से १५ कि.मी. दक्षिण) में एक
स्मारक निर्माण का संकल्प कई वर्ष पहले लिया था | इसकी योजना के अनुसार उनवांस में
शिवजी के पैत्रिक मकान के स्थान पर एक भव्य स्मारक का निर्माण होना है | कई कारणों
से इस कार्य में अब तक विलम्ब होता आया है – यद्यपि इस दिशा में २०१८ में ही कार्य
प्रारम्भ किया जा चुका था |
यहाँ दिए गए चित्रों को देख
कर इस योजना को समझा जा सकता है | चित्र में देखा जाने वाला शिवजी का यह पुश्तैनी
मकान अब नहीं है | इस पुराने मकान का बड़ा चित्र यहाँ दिया गया है | यह मकान शिवजी
के जन्म के बाद बना था, हालांकि इसी ज़मीन पर बने कच्चे मकानों में पहले उनके पूर्वज – दादा-परदादा -
रहते आये थे | इसके भीतरी हिस्से में एक चौकोर आँगन था जिसके बीच में एक बेल का
वृक्ष था, और चारों और के बरामदों से लगे हुए बारह कमरे थे | लगभग १९४५ के आपसी
बटवारे में मकान का पच्छिमी भाग शिवजी के हिस्से में मिला था |
यह मकान शिवजी के जन्म के
बाद बना था | इस स्थान पर बने इस अंतिम मकान का यह चित्र मेरा खींचा हुआ है जो
१९७० के लगभग तक इसी दशा में था | इसका रुख उत्तर दिशा की ओर था | सामने एक शामिल
ओसारानुमा दालान थी | इसका प्रवेश द्वार पूरब की ओर था | दालान के सामने एक
पूरब-पच्छिम लम्बा चबूतरा था | चबूतरे के पच्छिम ओर, शिवजी के समय मेरी ही देख-रेख
में १९५४ में बना, ‘वागीश्वरी पुस्तकालय’ का भवन था | इस पुस्तकालय भवन का रंगीन चित्र भी यहाँ देखा जा सकता है | पूरे मकान का
पच्छिमी हिस्सा शिवजी के परिवार के लिए था जिसमें आगे के चबूतरे के पच्छिमी छोर पर
यह पुस्तकालय भवन बना था, और पूर्वी भाग उनके छोटे दिवंगत भाई रामपूजन लाल के
परिवार के हिस्से में था | इस पुराने हिस्से के मकान को तोड़ कर रामपूजन लाल के
वंशजों ने इधर अपना नया मकान बना लिया है ( जो नयी बनी चहारदीवारी के चित्र में
पूरब की ओर स्थित है )| स्मारक की योजना के अनुसार शिवजी के पच्छिम की ओर के भीतरी
मकान और पुस्तकालय भवन (जिसकी पुस्तकें और पत्र-पत्रिकाएं गाँधी संग्रहालय, पटना
और नेहरु म्युज़ियम, नयी दिल्ली, में संरक्षण के लिए पहले ही भेजी जा चुकी थीं ) -
उस सब को ढहा कर उसी स्थल पर अब शिवजी का
नया स्मारक बनाने की योजना बनायी गयी है | चित्रों में शिवजी के हिस्से के भीतरी
मकान और पुस्तकालय को योजना के अनुसार २०१८ में ढहाया गया था, जिसके बाद
कोरोना-काल में निर्माण का काम अचानक रुक गया था | ध्वन्सीकरण के उस समय के
चित्रों को भी यहाँ दिया गया है जिन्हें देख कर इसकी भोगौलिक स्थिति समझी जा
सकती है | अब इधर (मार्च से जून, २०२३
में) उसी ज़मीन को चारों ओर चहारदीवारी से घेर दिया गया है | योजना के अनुसार अब यह
चहारदीवारी से घिरी ज़मीन भी न्यास के नाम से हस्तांतरित की जा रही है, जिसके
निर्माण और आगे रख-रखाव का दायित्त्व पूर्णतः न्यास के अधीन रहेगा |
यहाँ दिए गए नक्शों में
प्रस्तावित स्मारक की योजना दी गयी है | चहारदीवारी से घिरी आयताकार ज़मीन
उत्तर-दक्खिन फैली है जिसका रकबा लगभग ढाई कट्ठा है | नक़्शे में उत्तर पूर्वी कोने
पर स्मारक का मुख्य प्रवेश द्वार है जो पूरब-स्थित एक बरामदे पर खुलता है | उत्तर-दक्खिन फैला यह
बरामदा पूरब की दीवाल से सटा है जिसके सामने पच्छिम में खुला आँगन है | दक्खिन की
ओर पूरब में एक सीढी है, और पच्छिम ओर एक बड़ा हॉल है जिसमें पच्छिम दीवाल से लगी
आ. शिव की एक प्रतिमा स्थित होगी और हॉल में प्रदर्शन की विभिन्न वस्तुएं रहेंगी |
उत्तर की ओर दो कमरे और एक शौचालय होंगे, जिसमें एक कमरा अतिथि-गृह और दूसरा
कार्यालय-कक्ष होगा | उत्तर और दक्खिन में भी हॉल और दोनों कमरों के सामने पूरब
वाले बरामदे से लगायत बरामदे रहेंगे | यह एक व्यावहारिक, सीधा-सादा, कम खर्च में
बनने वाला स्मारक होगा जो गाँव के परिवेश के अनुकूल होगा | अभीतक पुराने मकान को
ढहाने और चहारदिवारी बनवाने में लगभग ४.५० लाख रुपये लगे हैं, जिसमें ३.५० लाख
न्यास ने दिया है और १ लाख का अनुदान मैंने अपने पेंशन में से दिया है | लेकिन
इसके साथ ही न्यास के कोष में अब बहुत कम राशि बच रही है |
यहाँ नमूने के तौर पर बाएं एक चित्र है जो अमेरिकी लेखक एडगर एलेन पो के रिचमंड में बने मेमोरियल का है | दक्खिन में बनने वाला हॉल कुछ इसी तरह का होगा | बीच के आँगन में भी इसी तरह की हरियाली - पेड़-पौधे रहेंगे |
इन नक्शों के मुताबिक अब
आगे का काम पर्याप्त धन-संग्रह के बाद ही शुरू हो सकेगा | इन नक्शों के मुताबिक़
आगे लगभग १० से १५ लाख रु. के खर्च का अनुमान है | योजना यही है कि यह राशि
सार्वजनिक धन-संग्रह से एकत्र की जाएगी | यहाँ यह प्रतिवेदन इसी उद्देश्य से
प्रकाशित किया जा रहा है कि आ. शिवजी के परिवार-जन और अन्य साहित्यिक स्रोतों से
धन-राशि न्यास के कोष में जमा की जा सके ताकि आ. शिवजी की स्मृति में एक सुन्दर
स्मारक का निर्माण हो सके | इस प्रतिवेदन के पाठकों से अनुरोध है कि इस सम्बन्ध
में जिज्ञासा के लिए -
और संभावित अर्थदान के लिए भी - नीचे दिए गए सूत्रों
का उपयोग किया जा सकता है | -
१.श्री
विजयप्रकाश, कार्यकारी अध्यक्ष, आ. शिवपूजन सहाय स्मारक न्यास, पटना
मो. 9771498909 / 7004266500
२. डा. मंगलमूर्ति, सचिव, मो. 7752922938 bsmmurty@gmail.com
३. श्री आर. के. शरण, सहायक सचिव : मो. 9415336674 / 8318090896
न्यास बैंक खाता विवरण जिसमें (उपर्युक्त व्यक्तियों से संपर्क के बाद) धनराशि सीधे जमा की
जा सकती है :
Acharya Shivpoojan Sahay Memorial
Trust
SB a/c no. 18630100002863, IFSC : BARB0SAVOGAM (0 is Zero)
Bank of Baroda,Vipul Khand, Gomti
Nagar, Lucknow :226010
कृपया
इस प्रतिवेदन को अधिक-से अधिक व्यक्तियों तक पहुंचाने का प्रयास करें | आ. शिवजी
से सम्बद्ध साहित्य को कम मूल्य पर प्राप्त करने के लिए भी सचिव डा. मंगलमूर्ति से
संपर्क किया जा सकता है | पुस्तकों की की एक सूची यहाँ नीचे दी गयी है जिसमें सारी सूचनाएं दी गयी हैं | पुस्तकों के विक्रय से प्राप्त राशि भी सीधे
न्यास के खाते में जमा होगी और इसी निर्माण कार्य में लगाई जाएगी | इस विषय में आप
सभी का पूर्ण सहयोग अपेक्षित है |
वागीश्वरी प्रकाशन
नाइन थर्सडेज प्रा. लि., लखनऊ की प्रकाशन योजना
एच-701, सेलेब्रिटी
गार्डन्स, सुशांत गोल्फ सिटी, अंसल एपीसी, लखनऊ : 226030
rksharan411@gmail.com / bsmmurty@gmail.com Mob. 91+9415336674/7752922938
पुस्तक-सूची
१. १. शिवपूजन सहाय साहित्य-समग्र (१० खंड )
सजिल्द - ११,०००/-
२. २. शिवपूजन सहाय साहित्य-समग्र (१० खंड )
पेपर बैक – ४,०००/-
३. ३. शिवपूजन सहाय : रचना संचयन ४५०/-
४. ४. शिवपूजन सहाय (अंग्रेजी मोनोग्राफ ) ५०/-
५. ५. देहाती दुनिया (शिवपूजन सहाय) ३५०/-
६. ६. ग्राम-सुधार (शिवपूजन सहाय) २००/-
७. ७. व्याकरण दर्पण (शिवपूजन सहाय) ३००/-
८. ८. निबंध-समग्र (शिवपूजन सहाय) ७००/-
९. ९. मेरा बचपन (शिवपूजन सहाय) २९९ /-
१०.हिंदी की गद्य परंपरा (शिवपूजन सहाय) २९९/-
११. प्रवासी की आत्मकथा (भवानी दयाल सन्यासी) ९९५/-
१२. प्रेमचंद
पत्रों में ५९५/-
१३.जानवर फ़ार्म (जॉर्ज ऑरवेल, अनु. मंगलमूर्ति ) २२५/-
१४. चाबी (जापानी उपन्यास, अनु. मंगलमूर्ति ) ३९५/-
१५. सुनो पार्थ (गीता सरल हिंदी अनु. मंगलमूर्ति ) २९५/-
१६. श्रीरामचरितमानस (कथा-सार ले. मंगलमूर्ति ) २९५/-
१७. मन एक वन (हिंदी कवितायें, ले. मंगलमूर्ति ) ३९५/-
१८. टू वे मिरर (अंग्रेजी कवितायें, ले. मंगलमूर्ति) ३९५/-
१९. दि हॉन्टेड पैलेस ( एडगर पो का अध्ययन, ले. मंगलमूर्ति) ८००/-
२०. दि क्रिटिकल पर्सपेक्टिव (ले. मंगलमूर्ति) ९९५/-
२१. दर्पण में वे दिन (संस्मरण, ले. मंगलमूर्ति) ९९५/-
२२. स्टोरी ऑफ़ राम (वाल्मीकि रामायण रीटोल्ड ले.
मंगलमूर्ति) ३९५/-
२३. विजार्ड इन द स्ट्रीट (पो की कहानियाँ. सं.मंगलमूर्ति)
७९५/-
२४. हिंदी-भूषण
शिवपूजन सहाय (सं.मंगलमूर्ति) ४००/-
२५. मेरा जीवन (सं. मंगलमूर्ति) सजिल्द ५९५/- अजिल्द २५०/-
२६. स्मृति-शेष सजिल्द ५९५/- अजिल्द २५०/-
इनमें से कुछ पुस्तकों के आवरण-चित्र
न्यास के स्मारक-निर्माण में धन-राशि प्रदान करने के इच्छुक सभी व्यक्तियों को
इन सभी पुस्तकों पर सीधे ५०% की छूट दी जाएगी जिसमें मुफ्त डाक खर्च शामिल होगा | इसके
लिए कृपया पहले चयनित पुस्तकों की ५०% मूल्य-राशि न्यास के (ऊपर दिए) खाते में
सीधे जमा करके अपना पूरा डाक-पता देते हुए उसकी रसीद वाटसैप पर (Mob. 7752922938) भेज दें जिसके बाद तुरत चयनित
पुस्तकें उस पते पर भेज दी जाएँगी | यह स्मारक-निर्माण के लिए धन-संग्रह का ही एक
सहायक उपक्रम होगा | आशा है न्यास के इस उपक्रम में आपका पूरा सहयोग प्राप्त होगा |