Wednesday, November 13, 2024

 आचार्य शिवपूजन सहाय स्मारक न्यास 

३६ वीं बैठक : १३ नवम्बर, २०२४ स्थान:गाँधी संग्रहालय, पटना | समय:११-१२ पूर्वान्ह 

आ. शिवपूजन सहाय स्मारक निर्माण की दिशा में हुई प्रगति पर विचार हुआ एवं श्री आर.के. सिन्हा के साथ हुई उनवांस की यात्रा जिसमें न्यास-सदस्य श्री किलाश चन्द्र झा भी साथ गए थे वहां का विवरण प्रस्तुत किया गया और निश्चय हुआ कि श्री सिन्हा को एक  धन्यवाद-आभार का पत्र भेजा जाय जिसके साथ यह सूचना भी हो कि वहां उनवांस में स्मारक-निर्माण का उनके द्वारा सम्पूर्ण भार ग्रहण करने के लिए उनको न्यास में इस योजना में संरक्षक किया जाना निर्णीत हुआ जिसकी सूचना भी इस धन्यवाद-पते में उन्हें भेजी दी जाय |बैठक में आगामी कार्यक्रमों पर भी विचार हुआ तथा पिछले दो वर्षों में गाँव में स्मारक-स्थल पर चहार दीवारी बनाने आदि के आय-व्यय  की  अंकेक्षित रिपोर्ट को स्वीकृत किया गया | आय-कर के लिए न्यास का अनुय्बंधन करा लेने का भी निर्णय हुआ | न्यास के भावी कार्य-कलाप पर भी चर्चा हुई | बैठक में उपस्थित ७ सदस्यों के अतिरिक्त श्री अनिल प्रसाद एवं ज्योत्स्ना प्रसाद भी आमंत्रित अतिथि के रूप में उपस्थित थे | बैठक में पिछली बैठक की रिपोर्ट प्रस्तुत एवं स्वीकृत हुई | बैठक की चित्रावली यहाँ देखि जा सकती है|

उपस्थित न्यासी  सदस्य

सर्वश्री जियालाल आर्य, विजय  प्रकाश, मृदुला प्रकाश, मंगलमूर्त्ति, कैलाश चन्द्र झा, बिमल जैन, आसिफ वासी |  

चित्र (C) न्यास 








Monday, November 11, 2024

 आ.शिवपूजन सहाय जन्मस्थल स्मारक

आज हिंदी अखबारों में खबर छपी है जिससे संबद्ध कुछ पूरक विवरण यहाँ देखा जा सकता
है |







कल ११ ता. को पूर्व सांसद श्री रवीन्द्रकिशोर सिन्हा के साथ मैं अपने गाँव (आ. शिवजी के जन्म-ग्राम/स्थल ) उनवांस गया था, जहाँ आ. शिवपूजन सहाय स्मारक न्यास की योजना के अनुसार आ. शिवजी के पुश्तैनी निवास ( जहाँ जिस स्थल पर उनका जन्म हुआ था) एक भव्य स्मारक निर्माण की योजना पर काम हो रहा है | संगत-पंगत के अपने अभियान में श्री सिन्हा कल मेरे साथ उस स्थल पर गए और वहां (जन्म-स्थली) की धूल का तिलक माथे पर लगाया |
उससे पूर्व बक्सर में मेरे साथ उन्होंने जिलाधिकारी श्री अंशुल अग्रवाल से इस विषय में बातचीत की | न्यास की इस स्मारक-निर्माण योजना का सम्पूर्ण दायित्त्व अब श्री सिन्हा ने कला एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से लेकर आगे बढ़ने का संकल्प व्यक्त किया | इस स्मारक को एक वृहत परिसर के साथ एक साहित्य-कला तीर्थ की तरह निर्मित किया जायेगा जिसमें उस ग्रामीण क्षेत्र का बहुविध विकास भी शामिल होगा | स्मारक-स्थल पर एक भव्य-प्रतिमा की स्थापना के साथ एक साहित्य-संस्कृति केंद्र का विकास किया जायेगा | इससे पूर्व आ. शिवजी की जन्म-स्थली को न्यास द्वारा एक चहार दीवारी से घिरवाया जा चुका है | अब उसी के चारों और एक वृहत्तर संस्कृति परिसर निर्मित होगा जो बक्सर के लिए एक पर्यटन आकर्षण बन जायेगा | श्री सिन्हा के संगत-पंगत अभियान की यह एक महत्त्वपूर्ण कड़ी होगा | न्यास की गतिविधियों के लिए तथा इस प्रसंग में विशेष सूचनाओं के लिए देखें यहाँ न्यास का यह ब्लॉग

  आचार्य शिवपूजन सहाय : सन्दर्भ सूची   आचार्य शिवपूजन सहाय (१८९३ -१९६३) की विगत ६२ वीं पुण्यतिथि २१ जनवरी, २०२५ को मनाई गयी | उस प्रसंग में ...