श्रीवागीश्वरी पुस्तकालय, उनवांस
आ. शिवपूजन सहाय का जन्म बक्सर से १५ किमी दक्षिण उनवांस गाँव में १८९३ ई. में
हुआ था | उनके पिता श्री वागीश्वरी दयाल आरा के एक छोटे ज़मींदार बक्शी हरिहर
प्रसाद के पटवारी थे |माता का नाम श्रीमती राजकुमारी देवी था | अपने बचपन की कहानी
सहायजी ने ‘मेरा बचपन’ पुस्तक में लिखी है |
हिंदी साहित्य से उनका प्रेम स्कूल की पढ़ाई के समय से ही विकसित होने लगा था
और उनके लेख-कहानियां आदि उसी समय से पत्र-पत्रिकाओं में छपने लगे थे | जब गांधीजी
का असहयोग आन्दोलन शुरू हुआ तो शिवजी ने सरकारी स्कूल की नौकरी से इस्तीफ़ा दे दिया
और १९२१ में - आज से ठीक सौ वर्ष पहले - कलकत्ता जाकर ‘मारवाड़ी सुधार’ और ‘मतवाला’
आदि पत्रों का सम्पादन करने लगे | अब साहित्य की दुनिया में रहने के कारण उनके पास
पुस्तकों-पत्रिकाओं का ढेर जमा होने लगा | तब उसी वर्ष १९२१ में रामनवमी की तिथि
को उन्होंने अपने घर में ‘श्री वागीश्वरी पुस्तकालय एवं श्रीमती राजकुमारी देवी
वाचनालय’ की स्थापना की थी | गाँव का पुराना पुश्तैनी मकान खपरैल ईंटा-सुर्खी का
बना था जिसमें पूरा सम्मिलित परिवार रहता था |
उत्तर-दक्षिण चारों और तीन-तीन कमरे थे | उनमें दक्षिण के एक कमरे में पुस्तकालय की पुस्तकें रखी जाती थीं | बीच में
एक बड़ा-सा खुला आँगन था जिसके बीचों-बीच
एक बेल का पेड़ था | उस समय उस मकान में जिसकी बाहरी तस्वीर यहाँ दी गई है, शिवजी
और उनके दो भाइयों – रामपूजन लाल और देव नंदन लाल का परिवार रहता था और घर के बारह
कमरे उनमें बंटे हुए थे | शिवजी और उनकी दूसरी पत्नी के हिस्से में मकान का
दक्षिण-पूर्वी कोना था, जहाँ यह पुस्तकालय था | बाहर का दालान शामिल था |
इस मकान में बाद में कुछ बदलाव हुआ और १९५५-५६ में मकान के बाहरी दालान के एक
बगल पुस्तकालय का भवन शिवजी ने बनवाया जिसका चित्र आप देख सकते हैं, यद्यपि अब
पुराना पूरा मकान (१) ध्वस्त हो चुका है, और जहाँ यह पुस्तकालय (२) था वहीं न्यास द्वारा शिवजी का एक स्मारक बनाने की
योजना है जिसका काम अभी रुक गया है | लेकिन यथाशीघ्र स्मारक-निर्माण का कार्य पुनः
प्रारम्भ होगा |
बहुत दिनों तक बंद रहने के कारण पुस्तकालय में बंद बहुमूल्य सामग्री जब नष्ट
होने लगी, तब उसे बक्सर के राजकीय पुस्तकालय में कुछ दिन के लिए स्थानांतरित किया
गया था, जिसके चित्र (३) भी यहाँ देखे जा सकते हैं | किन्तु शोधोपयोग की सुविधा की
दृष्टि से २०१४ में वह सारी अत्यंत बहुमूल्य साहित्यिक सामग्री पटना के गांधी
संग्रहालय पुस्तकालय में संरक्षण के लिए दे दी गई(४,५) | इस सामग्री को अब इस
शोध-पुस्तकालय में ही देखा जा सकता है, इसे कहीं बाहर ले जाने की अनुमति नहीं है |
गाँधी संग्रहालय शोध पुस्तकालय में ये पुस्तकें सूचीकृत हो चुकी हैं | इनकी अनुमानित
संख्या लगभग ४,००० है,जिन्हें अभी सात स्टील अलमारियों में रखा गया है |
इसी ब्लॉग पर नीचे एक लिंक दिया गया है जिसमें श्री कैलाश झा का एक वीडियो
देखा जा सकता है जिसमें उन्होंने विस्तार से बताया है की पुस्तकालय की पत्रिका-
सामग्री को कैसे अमेरिका की लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस के द्वारा मैक्रोफिश किया गया है जिसकी एक-एक प्रति वाशिंगटन में है
और दूसरी सारी मैक्रोफिश (६) प्रतियां दिल्ली के नेहरु स्मारक संग्रहालय में रखी
गई हैं, ताकि शोध के लिए उपलब्ध रहे | पत्रिकाओं और कुछ अत्यंत दुर्लभ पुस्तकों की
मूल प्रतियां भी शोधार्थियों के लिए इसी नेहरु पुस्तकालय में उपलब्ध हैं | शिवजी
के संग्रह की पांडुलिपियाँ, सम्पूर्ण पत्र-संग्रह, डायरियाँ आदि, और उनकी पूरी
माइक्रोफिल्म भी नेहरू पुस्तकालय में सुरक्षित हैं | यह सारी संरक्षण व्यवस्था
न्यास के द्वारा की गई है, और इसी संरक्षण-योजना के अंतर्गत १९४९-५० के दशकों के
कुछ दैनिक-साप्ताहिक अखबारों के पुराने जीर्ण अंक भी शीघ्र ही भोपाल के माधव राव
सप्रे संग्रहालय में भेजे जाने वाले हैं |
हमारा प्रयास है कि न्यास के इन कार्यों में जो
व्यक्ति या संस्था आर्थिक सहयोग देने की इच्छुक हों वे न्यास के प्रायोजन से
प्रकाशित साहित्य को विशेष छूट पर मंगावें और उसकी राशि न्यास के खाते में जमा
करें, और स्वतंत्र रूप से भी न्यास के कार्यों के
लिए आर्थिक सहायता अनुदान के रूप में दें | इसके लिए पटना में न्यास
के सचिव, डा. मंगलमूर्ति ( मो. 7752922938
/ 94518336674 / bsmmurty@gmail.com) से अथवा पटना में न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष श्री विजय प्रकाश ( अध्यक्ष,
बिहार विद्यापीठ) से संपर्क किया जा सकता
है | शिवजी की पुस्तकों की रॉयल्टी और विक्रय अथवा किसी प्रकार के अनुदान से प्राप्त
राशियों से आय-व्यय की अंकेक्षित वार्षिक रिपोर्ट न्यास के सदस्यों के सामने
प्रस्तुत की जाती है | संपर्क-सूत्र :
आचार्य शिवपूजन सहाय स्मारक न्यास
अध्यक्ष :डा.रज़ी अहमद / कार्यकारी अध्यक्ष :श्रीविजयप्रकाश सचिव :डा.मंगलमूर्ति / सह-सचिव :श्री आर.के.शरण
स्थायी पता : मार्फ़त,श्रीआसिफ वसी,गांधी संग्रहालय,उत्तर-पश्चिम गांधी मैदान,पटना : 800001
वर्त्तमान पता : डा. मंगलमूर्ति, 701, एच-ब्लाक,सेलेब्रिटी गार्डन्स, सुशांत गोल्फ सिटी, लखनऊ: 226030
मो. +91-7752922938 (वाट्स ऐप्प ) / 7985017549 / 9415336674
: ईमेल : bsmmurty@gmail.com
ब्लॉग:shivapoojan.blogspot.com All photos (C) Dr BSM Murty
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